Friday 20 December 2013

Wife ....Wife ....Wife ....Wife ....








Har ek Friend Jaruri Hotaa Hain


Mobile के बाद अब Commodity & Shares के साथ दो दो हाथ आजमाते हुए ...

Mobile के बाद अब Commodity & Shares के साथ दो दो हाथ आजमाते हुए ... 


Mobile के बाद अब Commodity & Shares के साथ दो दो हाथ आजमाते हुए ... मेरे एक मित्रवर् हैं उनका कोमोडिटी और शेर ट्रेडिंग का बिज़्नेस हैं उन्होने अपनी दुकान पर एक खाली फ्रेम पर हार चढ़ा कर रखा हुआ हैं के जो यहाँ से क्मा कर जाएगा उसकी फोटो यहा लगाएँगे  मेरे भाई हमेशा ब्रोकर ही बने रहना क्लाइंट मत बनना 

Pradhan Ji Gulshan Kamra



Hard Facts by Shri Suraj Bharti

Protest from Jar Sri Ganganagar


सूद के खिलाफ पत्रकारों का धरना कल

श्रीगंगानगर। जनसम्पर्क अधिकारी सतीश सूद की कारगुजारियों की जांच और उन्हें तत्काल निलम्बित करने की मांग को लेकर पत्रकार समुदाय की ओर से कल शुक्रवार को जिला कलक्टर कार्यालय के समक्ष धरना दिया जाएगा। इसके लिए पत्रकारों ने जिला प्रशासन को दो दिन पहले अल्टीमेटम दिया था। 
राजस्थान पत्रकार संघ (जार), श्रमजीवी पत्रकार संघ, राजस्थान साप्ताहिक एवं पाक्षिक समाचार पत्र महासंघ और इलैक्ट्रोनिक मीडिया एसोसिएशन की ओर से जनसम्पर्क अधिकारी सतीश सूद के खिलाफ लगातार आन्दोलन किया जा रहा है। पत्रकार संगठनों की मांग है कि गंगानगर में पदस्थापन के दौरान सूद की ओर से किए गए घोटालों, सरकारी विभागों को पत्रकारों के खिलाफ भेजी गई झूठी शिकायतों, राजनीतिक गतिविधियों में संलिप्तता और अन्य कारगुजारियों की उच्च स्तरीय जांच करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाए। श्री सूद अपने पद का दुरुपयोग करते हुए निरन्तर पत्रकारों को धमकियां दे रहे हैं, जिससे पत्रकारों में तीव्र आक्रोश है। बार-बार जिला प्रशासन को ज्ञापन देने के बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। इसके विरोध में संगठित पत्रकार समुदाय कल कलक्ट्रेट पर धरना देगा। सभी पत्रकारों से धरने में पहुंचकर सतीश सूद की कारगुजारियों के खिलाफ आवाज बुलन्द करने का आह्वान किया गया है।




Source :- https://www.facebook.com/pages/JAR-Sriganganagar/699537116730041

Sunday 15 December 2013

Young King Of Voice Indian Idol Sandeep Acharya Let us Prayer For Sandeep Acharya

Sandeep Acharya, who won the second season of Indian Idol in 2006, passed away at a Gurgaon hospital on Sunday.







The 29-year-old singer, who hailed from Rajasthan, had been suffering from jaundice for a fortnight. However, he apparently neglected his health and had to be admitted to a local hospital in his hometown, Bikaner, in a critical condition.

When his health did not improve, he was taken to Gurgaon. He breathed his last on Sunday at 9am.

His younger brother, Akshay, said on Sunday, "Last night, doctors said his condition was under control and he was showing signs of recovery. We were all hoping we'd soon take him home. But nobody knew that he would leave us forever."

Acharya is survived by his wife and a one-month-old daughter. His last rites will be performed in Bikaner.

Sonu Nigam had tweeted on Sunday, "Sandeep Acharya died? Oh my God...  I'm so so sad. Wht a btful soul."

Source  indiatimes.com

Celeberation of Christmas In Special Way

By the holy blessings and teachings of His Holliness Saing Gurmeet Ram Rahim Singh Ji Insan the volunteers of Shah Satnam Ji Green S Welfare Force Wing, Dera Sacha Sauda preparing for


प्रतिभा परिस्थिति की मोहताज नहीं होती Talent does not go with the Situation

Talent does not go with the Situation


Says the situation does not go with the talent , and this is proved by Sadhuwali Nimiwal Laxman Singh . 
Laxman win a Gold in Swimming Competition at state level at Bikaner with his hard work.  He donesn't have good facility for that but he practice in Baramasi Nahar(canal)   

कहते है प्रतिभा परिस्थिति की मोहताज नहीं होती, और यहीं साबित कर दिखाया है साधुवाली के लक्ष्मण सिंह निमिवाल ने। तमाम परशानियो और अभावो के बावजूद स्वर्ण पदक हासिल कर, जिले का नाम किया है रोशन 
श्रीगंगानगर। लक्ष्मण सिंह निमिवाल की सफलता से उसके दोस्त और परिजन तो उत्साहित हैं लेकिन प्रशासन द्वारा इस होनहार खिलाड़ी की अनदेखी के चलते चिंतित भी है! लक्ष्मण सिंह के पिता सूरज प्रकाश निमिवाल एक मजदूर है व मजदूरी कर किसी तरह ही घर का गुजारा चला रहे है! किंतु वे लक्ष्मण सिंह की तैयारियों में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आने देते, चाहे उन्हें इसके लिए कुछ भी करना पड़े! इसमें उनकी धर्मपत्नी सुरजीत कौर उनका भरपूर साथ देती है! चार भाई बहनों में सबसे छोटा लक्ष्मण सिंह सबका दुलारा है! सभी भाई बहन लक्ष्मण की सफलता के लिए दुआ करते है, लेकिन प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की कोई मदद ना मिलने पर बेहद उदास हो जाते है! बताते चले कि लक्ष्मण सिंह एमडी कॉलेज का होनहार छात्र है, व बीकॉम फाइनल में पढ़ रहा है, जिसने बीकानेर में हुई तैराकी की राज्य स्तरीय स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता है, एवम पिछले वर्ष दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीते थे!
यह जीत इस लिए अधिक महत्त्व रखती है कि जिला खेल अधिकारी, जिला कलेक्टर सहित सभी सम्बन्धित अधिकारियों के चक्कर काटने के बाद भी इस खिलाड़ी को किसी प्रकार की मदद नहीं मिली! इस पर जिला खेल अधिकारी कहते है कि उन्हें किसी प्रकार का कोई बजट नहीं दिया जाता! इस लिए हम इन खिलाडियों की कोई मदद नहीं कर सकते! आपको यह जानकार हैरानी होगी कि लक्ष्मण सिंह निमिवाल ने अपनी तैयारी किसी तरणताल में नहीं बल्कि साधुवाली की खतरनाक, जानलेवा बारहमासी नहर में की है, क्योकि तरणताल में तैयारी करने में चालीस रुपये रोज का खर्चा है, जो कि यह गरीब परिवार वहन नहीं कर सकता! ऐसे में सबसे बड़ा सवालिया निशान उन खेल संघों और उनके निक्कमे अधिकारियों पर उठता है, जिनके स्वयं की अय्याशियो के खर्चे लाखो में है! इन नकारा लोगो को आखिर लक्ष्मण सिंह निमिवाल जैसे खिलाड़ी दिखाई क्यों नहीं देते, कुलमिलाकर लब्बोलुआब ये है कि इस खिलाड़ी की उपलव्धि पर खुद की पीठ थपथपाने वाले संघ, प्रशासन व इनसे जुड़े अन्य लोग सिर्फ अपना उल्लू सीधा कर रहे है, उन्हें खेल और खिलाडियों से कोई लेना देना नहीं है! खुद इनका पेट भरे तो इस गरीब को डाईट के नाम पर एक दाना मिले!